बड़ दिन बाद आज सुकुन मिलीस

बड़ दिन बाद आज सुकुन मिलीस।  आज संझा जब करा पानी गिरीस।।  बरसा के बुंद जब भुईयां म परीस।  भुजाएं तन मन ल ठण्डक लगीस।। आज के मउसम बड़ा सुहान... thumbnail 1 summary
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बड़ दिन बाद आज सुकुन मिलीस। 
आज संझा जब करा पानी गिरीस।। 
बरसा के बुंद जब भुईयां म परीस। 
भुजाएं तन मन ल ठण्डक लगीस।।

आज के मउसम बड़ा सुहाना हे। 
लागे जईसे दिल मोर दिवाना हे।।
मोर चंदा ह झुम झुम के नाचत हे। 
अषाढ सावन के गाना ल गावत हे।। 

लकलक गरमी म जुड़ असन लागीस। 
अईसे लगथे बरसा के मउसम आगीस।। 
चंदा ह मोर संग पानी म जम के नाचीस। 
का बतावव संगी अब्बड मजा आगीस।।