छत्तीसगढ़ के माटी म ,छाता पहाड़ के घाटी म
धुमी रमाय तै गुरू बाबा,आंधी तुफान बरसाती म
गिरऊदपुरी के माटी चंदन,अमरऊतीन दाई ल हे बंदन
सत के जोत जलाय बाबा,माथ नवाव करव मै वंदन
छुआछूत मिटाये जात-पात,सब समाज बर लडे़ दिन रात
महिमा महान हे गुरू बाबा,नियाव के करे तै गोठ बात
गांव गांव लगे हे जैत खाम,उठ बिहनिया करव परनाम
बताय मानखे मनखे समान,घर घर म बसे हे सतनाम
दिसंबर महिना जयंती मनाबो,घर दुवार अंगना ल साजबो
मिलजुर पंथी नाचबो गाबो,सत के सादा झंडा फहराबो
आवव संगी आवव संगवारी,करबो जयंती के तियारी
नाचबो गाबो पालो चढ़ाबो,मिलके दीदी बहिनी महतारी