हांथ म टंगिया ल देखेव त अब्बड रोयेव।

                            हांथ म टंगिया ल देखेव त अब्बड रोयेव। ,रूख ह घबरा के देखिस त अब्बड रोयेव।।  पेड़ पउधा ह नई होही त हमर का होही? ,... thumbnail 1 summary
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हांथ म टंगिया ल देखेव त अब्बड रोयेव। ,रूख ह घबरा के देखिस त अब्बड रोयेव।। 
पेड़ पउधा ह नई होही त हमर का होही?,डारा के चिरई ल देखेव् त अब्बड रोयेव।।

दम खुटत हे सांस के जिबो त हम कईसे जिबो। ,मनखे ल बिमार पड़त देखेव त अब्बड रोयेव।। 
का जानी का जहर महुरा मिलाथे हमर माटी म। ,हरियर बगीचा मुरझात देखेव् त अब्बड रोयेव।। 

हरा भरा रिहिसे सुग्घर हमर गांव शहर। ,गली मोहल्ला ल देखेव् त अब्बड रोयेव।।  
छत्तीसगढ़ म रूख रई ल काटत हे चुन चुन के।  ,मोर गांव के हालात ल देखेव् त अब्बड रोयेव।।