बहिनी अपन भईया ल सोरियावत हे,कपड़ा लत्ता ल झोला म ओरीयावत हे
नोनी जातो देखतो तोर ममा आवत हे,अईसे लागथे अब तीजा पोरा आवत हे
सावन के महीना ह अब भागत हे,तिजहारिन लाय बर भईया जावत हे
दीदी बहिनी मन मने मन मुस्कावत हे,अईसे लागथे अब तीजा पोरा आवत हे
परोसी तीर मईके के गोठ गोठियावत हे, माई मईके के सोर सुरता ल गोहरावत हे
ओकर संग सहेली मन के सुरता आवत हे, अईसे लागथे अब तीजा पोरा आवत हे
बरेंडी म सोन चिरईया ह नरियावत हे
दाई ददा के सुरता म दिन नई पहावत हे
घेरी बेरी उहीच काम ल दोहरावत हे
अईसे लागथे अब तीजा पोरा आवत हे
ममा ल देख भांची ह खिलखिलावत हे
छोटे भांचा गाड़ी म जगा पोगरावत हे
भाटो ह जल्दी आबे कहिके चेतावत हे
अईसे लागथे अब तीजा पोरा आवत हे