पुन्नी के रथिया होईस तहन जम्मो डाहर जुगजुग ले अंजोर हो जथे दुरिहा ले मनखे आवत रथे तेन ह दिख जथे,
पुन्नी के रथिया बिक्कट घुमे के मन होथे,
जेती देखबे तेती मनभावन सुग्घर चंदा अऊ चंदैनी दिखथे,
दु चार संगी संगवारी मन रेंगत आत हे तेकर आरो सुना जथे,
सबो डाहर सांत अऊ सुंदर दिखन लागथे,
पुन्नी के रथिया ल चमत्कारिक अऊ चिकित्सा ले देखे जाथे येला बैगयानिक मन घलो मानथे,
पुन्नी के रथिया ल चमत्कारिक अऊ चिकित्सा ले देखे जाथे येला बैगयानिक मन घलो मानथे,
रथिया चंदा के अंजोर म बहुत से शक्ति निचे भुईयां म गिरथे ये अंजोर ह हमर तन म पडथे त अब्बड अकन बिमारी दुरिहा भाग जथे,
आयुर्वेद बिज्ञान ह कहिथे पुन्नी के रथिया ह बड़ अकन उर्जा देथे तेन किरन ह चंदा के अंजोर ले निकलथे,
पुन्नी के रथिया कमती कपड़ा पहिर के घुमना चाही हमर तन ल फायदा करथे।
माने जाथे रावण ह पुन्नी के रथिया आईना से अंजोर ल अपन बोड्डी म लावय वोकर ले ओकर ताकत अऊ बाढ़ जवय।
माने जाथे रावण ह पुन्नी के रथिया आईना से अंजोर ल अपन बोड्डी म लावय वोकर ले ओकर ताकत अऊ बाढ़ जवय।