पुन्नी म खीर बनाय के परथा

सरद पुन्नी म खीर के बड़ महत्ता हे रथिया खीर बनाके बिहनिया खाय के परथा हवय येला लक्ष्मी माता के परसाद माने जाथे,  रथिया संगी संगवारी मिलके त... thumbnail 1 summary
सरद पुन्नी म खीर के बड़ महत्ता हे रथिया खीर बनाके बिहनिया खाय के परथा हवय येला लक्ष्मी माता के परसाद माने जाथे, 
रथिया संगी संगवारी मिलके तरिया पार म नहीं ते पंडाल बने हे तेन मेर इटा के चुल्हा बनाके खिर बनाथन खीर ल बनाय बर चाऊर दूध शक्कर गुड़ सोठ काली मिरचा इलायची नरियर ल बारिक काट के खीर म डार देथन,
 रथिया बारा बजे के बाद ओ खिर ल खुल्ला करके रखें जाथे काबर ओमा चंदा के अंजोर ह पहुंच सकय तहन बिहनिया चार पांच बजे ले खाय अऊ बाटे के शुरू करथन ओ खीर ल खाय से बहुत फायदा हे हमर तन ल रथिया में चंदा से निकले अंजोर म बड़ ताकत मिलथे ओ अंजोर खीर म आके समा जाथे, 
जेन मनखे ल खांसी के बिमारी हे तेन ल बड़ फायदा करथे अऊ बहुत से बिमारी ल दूरिहा रखथे पुन्नी के खीर अमरित रथे जम्मो झन ल खाना चाही।