जेठउनी तिहार ल ही देव उठनी के नाव से जाने जाथे देव उठनी येकर सेती कहिथे कि इही दिन देवी देवता गाव के कुल देवी देवता मन उठथे,
माने जाथे आषाढ शुक्ल पक्ष के एकादसी म भगवान बिषणु ह चार महिना बर बिसराम करे खातिर छिर सागर समुदर म जाथे अऊ ओ दिन के बाद कातिक महिना के अंजोरी पाख म एकादसी के दिन उठथे,
देबी देवता के जागे ले कोनो भी काम करे में बाधा नई होवय,
सबो काम बने बने होथे देव उठनी में देबी देवता के पुजा करे ले जम्मो देवता ह मान जथे अऊ हमर परवार ल सुख शांति रखथे।