मन मोह लेता है ... वो परी सी बनावट, हसीना की सजावट

मन मोह लेता है ... वो अजीब सी मुस्कूराहत, वो अजनबी की खिलखीलाहट, वो अंजान अपहचान बचपन । मन मोह लेता है ... वो परी सी बनावट, हसीना की ... thumbnail 1 summary
मन मोह लेता है ...
वो अजीब सी मुस्कूराहत,
वो अजनबी की खिलखीलाहट,
वो अंजान अपहचान
बचपन ।
मन मोह लेता है ...
वो परी सी बनावट,
हसीना की सजावट,
नागिन सी लहरावट,
वो मृग नयन मूखावट ।
मन मोह लेता है ...
प्रकृति की बनावट
हमारी सजावट,
उसकी चूनावट उसकी लिखावट ,
मन मोह लेता है ..
हमारी अदा की अदावत
उसकी लाल पीला बनावट ,
उसकी एक झलक झलकाहट,
झरोखा से परदा सरकावट।
मन मोह लेता है....
वो सावन की बौछार,
भादो की फूहार ,
त्योहार की शूरवात,
गेड़ी की सौगात
मन मोह लेता है . ..
कूवार मे मीठा मीठा ठंड
की आगाज,
कुमारियो की पुंनी भोर शूर सोहाग ।
कार्तिक मे चढ़ा प्रकृति की
खुमार ।
जलन हुआ अघन को