मया के डोरी बांधव नवा बछर म संगी

                           मया के डोरी , बांधव कोरि कोरि नवा बछर म संगी , टोरव अरझट के डोरी एके गेलास के पानी , आने आने कईसे होही छुआ छुत ल ... thumbnail 1 summary
                           http://i.ytimg.com/vi/SbZXY14kThg/0.jpg


मया के डोरी, बांधव कोरि कोरि
नवा बछर म संगी, टोरव अरझट के डोरी

एके गेलास के पानी, आने आने कईसे होही
छुआ छुत ल टारव, टोरव ऊंच नीच के डोरी

एके खून हे लाल, एके हे मानुष तन
करिया गोरीया ल बदलव, टोरव रंग रूप के डोरी

मया करव जम्मो झिन ल, भाई भाई के बात करव
संग रहव सब मिल -जुल के, टोरव बईर खूंटा के डोरी

बने सचेत सुजान बनव, बेटी मन के धियान करव
सब लईका एक बराबर, टोरव टूरा बर मया के डोरी

महतारी अउ बाप 
बबा दाई के गान करव
हमर बुझत दिया हे एमन, टोरव बूढ़त आसरम के डोरी

अपन जनम करम भूमि के 
मान अउ लाज रखव
भारत के पागा रखे बर, टोरव नक्सल/आतंकवाद के डोरी