पक्का मकान के आघू म एक ठन झोपड़ी म औरत ह अपन लईका ल भुलवार भुलवार के हड़ीया म सीथा ह चिपके रिहिस हे,तेला खवावत रहायI लईका ह नानुक अघाय भूखाय सीथा म पेट ह नई भरत रिहिस,
अऊ घेरी बेरी दौड़त दौड़त पक्का मकान ल झांक के आवय Iओकर माई ह काहते रहाय काबर घेरी बेरी येती वोती भागत हस बेटा,त लईका ह बोलथे,माई एक ठन सवाल पुछव,पूछ बेटा फेर ज्यादा इतरा मत जेन हे वोला चुपे चाप खा Iलईका ह बोलथे माई,माई मनखें मन के अऊ दुबारा जनम होथे का, हव बेटा होथे काबर पूछत हाबस बेटा,मेंहा माई दूसरा जनम म भगवान् ल बोलतेव कि मोला कुकुर बना देतिच I कुकुर ल न माई पक्का मकान के मालिक ह पोसे ह त वोला रोटी,भात दाल साग,अऊ अंडा तको खवाथेI रोज वोला साबुन म नहलाथे,फेर वोला कार म घुमाय बर जाथे Iअऊ वोला जर आथे त डाक्टरे ह कुकुर करा आथे,अऊ ओकर खाय के थारी म अबड़ अकन भात के सीथा ह बाचे घलो रहिथेI तेकरे सेती मोला कुकुरेच बना देतिच काहत हौIअतका सुन के ओकर माई ह एके टक देख के अपन लईका ल पोटार के अपन फुटहा करम ल मने मन कोसत रिहिस हे I