करलव संगि पुरखा के सुरता,
इंखर बिचार ले करलव सुघ्घर बुता,
जात पात के भेद भगइन,
जनजन मा बनधाईन एमन सुनता,
करलव संगि पुरखा के सुरता !!
संगि हो हमर पुरखा मन के कारन,
हमर जिनगि सुघ्घर हे,
इंखर मन के बारे दिया ले
हमर जिनगि उज्जर हे,
मनखे ले बांधिन मनखे के नता
करलव संगि पुरखा के सुरता !!