कहां मनखें गंवागे”

दिखय ना कोनो मेर, हवय के नाव बुतागे खोजव संगी मोर, कहां मनखे गंवागे ।। दिखय ना कोनो मेर, हवय के नाव बुतागे खोजव संगी मोर, कहां मनखे गंवागे ।... thumbnail 1 summary
  • दिखय ना कोनो मेर, हवय के नाव बुतागे खोजव संगी मोर, कहां मनखे गंवागे ।। दिखय ना कोनो मेर, हवय के नाव बुतागे खोजव संगी मोर, कहां मनखे गंवागे ।...

    भुंइया के भगवान

    मोर छत्तीसगढ़ के किसान जेला कहिथे भुंइया के भगवान | भूख पियास ल सहिके संगी उपजावत हे धान | बड़े बिहनिया सुत उठ के नांगर धरके जाथे | रगड़ा टूटत ... thumbnail 1 summary
  • मोर छत्तीसगढ़ के किसान जेला कहिथे भुंइया के भगवान | भूख पियास ल सहिके संगी उपजावत हे धान | बड़े बिहनिया सुत उठ के नांगर धरके जाथे | रगड़ा टूटत ...

    गांव ल झन भुलाबे अउ किसान

    गांव ल झन भुलाबे शहर में जाके शहरिया बाबू गांव ल झन भुलाबे | नानपन के संगी साथी ल सुरता करके आबे || गांव के धुर्रा माटी म खेलके बाढ़हे हे त... thumbnail 1 summary
  • गांव ल झन भुलाबे शहर में जाके शहरिया बाबू गांव ल झन भुलाबे | नानपन के संगी साथी ल सुरता करके आबे || गांव के धुर्रा माटी म खेलके बाढ़हे हे त...

    भोरहा में झन रईहूँ

    आज के बदतर हालत ल देखके अईसन लागथे की मीठ लबरा मन बोलथे भर,अऊ करे कुछु नहीं I ऐकर बोली अऊ भाखा के जाल में फस के हमर किसान,जवान,मजदूर मन के... thumbnail 1 summary
  • आज के बदतर हालत ल देखके अईसन लागथे की मीठ लबरा मन बोलथे भर,अऊ करे कुछु नहीं I ऐकर बोली अऊ भाखा के जाल में फस के हमर किसान,जवान,मजदूर मन के...

    रूपिया के पीरा

    पहिली घांव रूपिया ल रोवत देखिन लोगन। जंगल म आगी लगे जइसे खबर फइल गे। कतको झिन ल बिसवास नि होइस । सचाई ल जाने बर कतको मनखे बेचेन होए लागिन। ... thumbnail 1 summary
  • पहिली घांव रूपिया ल रोवत देखिन लोगन। जंगल म आगी लगे जइसे खबर फइल गे। कतको झिन ल बिसवास नि होइस । सचाई ल जाने बर कतको मनखे बेचेन होए लागिन। ...

    छत्तीसगढ़ी के पीरा

    गवां गेंहव अपने घर म बनगे मंय जिगयासा हौं खोजत हौं अपन आप ल मंय छत्तीसगढ़ी भासा औं। सहर म पूछारी नइ हे गांव के मन भगवारत हे कोन बचाही मोला ... thumbnail 1 summary
  • गवां गेंहव अपने घर म बनगे मंय जिगयासा हौं खोजत हौं अपन आप ल मंय छत्तीसगढ़ी भासा औं। सहर म पूछारी नइ हे गांव के मन भगवारत हे कोन बचाही मोला ...

    चल रे चल संगी चल

    चल रे चल संगी चल बेरा के संगे—संग चल। ऐतेक अलाल झन बन, बेरा के संगे—संग चल। नई तो बेरा ला गवा देबे, ते जवाना ले पिछवा जाबे। बुता हा बाढ़ जाह... thumbnail 1 summary
  • चल रे चल संगी चल बेरा के संगे—संग चल। ऐतेक अलाल झन बन, बेरा के संगे—संग चल। नई तो बेरा ला गवा देबे, ते जवाना ले पिछवा जाबे। बुता हा बाढ़ जाह...

    बजारवाद के नाला म झन बोहावव

    मिरिग मरिचका ल पानी समझके झन ललावव, अंधरा बन ‘बजारवाद’ के नाला म झन बोहावव. नई होवय गोरिया चाहे कतको चुपर फेरन लबली सब ल बतावव, 3 दिन म चंदव... thumbnail 1 summary
  • मिरिग मरिचका ल पानी समझके झन ललावव, अंधरा बन ‘बजारवाद’ के नाला म झन बोहावव. नई होवय गोरिया चाहे कतको चुपर फेरन लबली सब ल बतावव, 3 दिन म चंदव...

    मोला तो बस, येकरेच अगोरा हे

    टूर- बुर गुठियावत हे।घासी के आंखी म नींद नइ आवा ते।काक सती ? तेला, सफुरा ह ,अपन दादी ल बतावत हे। बाहरा डोली म, होय घटना ल सुनावत हे। मछरी ह... thumbnail 1 summary
  • टूर- बुर गुठियावत हे।घासी के आंखी म नींद नइ आवा ते।काक सती ? तेला, सफुरा ह ,अपन दादी ल बतावत हे। बाहरा डोली म, होय घटना ल सुनावत हे। मछरी ह...

    दिया बन के बर जतेंव

    दाई ! तोर डेरौठी म , दिया बन के बर जतेंव ॥ अंधियारी हा गहरावथे , मनखे ला डरूहावथे । चोरहा ला उकसावथे , एकड़ा ला रोवावथे ॥ बुराई संग जूझके , ... thumbnail 1 summary
  • दाई ! तोर डेरौठी म , दिया बन के बर जतेंव ॥ अंधियारी हा गहरावथे , मनखे ला डरूहावथे । चोरहा ला उकसावथे , एकड़ा ला रोवावथे ॥ बुराई संग जूझके , ...